
हमारी जाति खारोल अलग-अलग क्षेत्रों में बिखरी हुई है इस कारण न तो इसका कोई मजबूत संगठन है और ना ही राजनीतिक स्तर पर कोई भागीदारी यही कारण है कि हम कल जहां थे आज भी वही है जबकि दूसरी जातियां आजादी के बाद संगठित होकर क्षेत्र में उन्नति कर आगे बढ़ी है साथ ही राजनीतिक स्तर पर भी अपनी पहचान बना ली है हमें भी यह विचार करना है कि हम उन्नति के पथ पर कैसे अग्रसर हो हमारी जाति को हमें संगठित करना होगा एक क्षेत्र के जाति भाई दूसरे क्षेत्र में रहने वाले जाति भाइयों से भेदभाव रखते हैं उसे मिटाना होगा उसके लिए शिक्षा का प्रसार कर जाती में नई चेतना एवं जागृति लानी होगी समाज की आर्थिक हालत ठीक करने व कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए कठिन प्रयास करना होगा तथा त्याग की भावना जागृत करना होगी
यह काम एक मजबूत संगठन से होगा हमारी जाति के लोग राजस्थान मध्य प्रदेश गुजरात महाराष्ट्र व अन्य प्रांतों में रहते हैं लेकिन संगठित ना होने से एक दूसरे से अलग समझते हैं जबकि वर्तमान समय में हर जाति संगठन के बल पर विशाल वटवृक्ष की तरह बढ़ रही है क्षेत्रीय भेदभाव को मिटाकर संगठित होना होगा क्योंकि संगठन में एकता और एकता में शक्ति है आज हम संगठित होते तो राजनीतिक स्तर पर हमारी पूछ होती लेकिन आज स्थिति यह है कि हमारी जाति की ओर किसी का ध्यान नहीं है नहीं हमारी जाति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल पाई हे
मेरा निवेदन है कि अब समय आ गया है जाति को संगठित करने के लिए गांव गांव शहर शहर में बुजुर्गों के आशीर्वाद और मार्गदर्शन में युवा मंडल का गठन किया जाए जिसकी शाखाएं तहसील जिला प्रदेशिक तथा राष्ट्रीय स्तर पर हो इस कार्य के लिए ऐसे युवा आगे आए जिनमें जाति के प्रति कुछ करने की लगन हो नव युवक घर जाकर शिक्षा का प्रचार करें किसी भी घर में कोई अनपढ़ ना रहे बहनों और माताओं को भी रात्रि में पाठशाला द्वारा शिक्षित करने का प्रयास करें तथा समय समय पर संगोष्ठियों द्वारा समाज में फेली बुराइयां फिजूलखर्ची के दोषों को उजागर करें समाज के प्रतिभावान छात्रों को समाज की ओर से आर्थिक सहायता करें तभी जाति में नई जाग्रति नया उत्साह उत्पन्न होगा
दोस्तों आज हम सब मिलकर यह निश्चय करें कि हमें एक नई जमात खड़ी करनी होगी एक विशाल शक्तिशाली संगठन बनाना होगा ऐसा संगठन जिसका हर एक कार्यकर्ता सेवा व्रत लिया हुआ है सत्ता संपत्ति यश प्रतिष्ठा आदि विषयों को छोड कर समाज की निरपेक्ष सेवा को ही प्रधानता दे समाज उपयोगी योजनाओं की कल्पना करना एवं प्रसारीत करना समाज के बुद्धिजीवी वर्ग का कर्तव्य है यह योजना धन के अभाव में अधूरी न रहे इसका समाज के धनीमानी समुदाय विशेष ध्यान रखें जिसके पास समय है वह अपना योगदान देकर इन योजनाओं को क्रियांवित करें आइए हम सब मिलकर जिसके पास जो क्षमता है बुद्धि धन और समय की इन सब को एकत्रित करके हमारे संगठन को अधिक सक्षम एवं मजबुत करे हमारी भावना हमारे मन और हमारे चित्त समान हो जिससे समाज का संगठन उत्तम और मजबूत होगा
नवीन खारोल,
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष,
अखिल भारतीय खारोल खारवाल समाज महासभा,
जमुनीया कलां नीमच
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